राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा बरकरार रखने के लिए जूझ रही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को इस सम्मानजनक स्थिति की खातिर बिहार विधानसभा में आठ फीसदी मत हासिल करना ही होगा। बसपा के सामने इस समय कठिन समय है, क्योंकि बिहार विधानसभा की 243 सीट पर चार राजनीतिक मोर्चे मैदान में हैं। सन 1997 में राष्ट्रीय दर्जा हासिल करने वाली बसपा को 2014 में लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं मिलने से उसका यह दर्जा संकट में है।
बसपा ने हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा की सभी सीटों पर चुनाव लडा था, लेकिन हरियाणा में उसे मात्र एक सीट ही मिली थी। महाराष्ट्र में उसका खाता ही नहीं खुला। हरियाणा और महाराष्ट्र में उसे 2009 की अपेक्षा 2014 के चुनाव में वोट भी कम मिले।
क्यों न पार्टी का राष्ट्रीय दर्जा समाप्त कर दिया जाए?
लोकसभा के 2014 में हुए चुनाव के बाद चुनाव आयोग ने बसपा को कारण बताओं नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न/न पार्टी का राष्ट्रीय दर्जा समाप्त कर दिया जाए। हालांकि चार या इससे अधिक राज्यों में राज्यस्तर का दर्जा मिले होने पर भी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा बरकरार रह सकता है। बसपा को तीन राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार में स्टेट पार्टी का दर्जा हासिल है। हरियाणा और महाराष्ट्र में दो सीट जीतने या आठ प्रतिशत मत हासिल कर लेने पर वहां भी इसे राज्यस्तरीय पार्टी का दर्जा मिल सकता था।
छिन सकता है हाथी चुनाव चिन्ह
राष्ट्रीय दर्जा बरकरार रहने पर आल इंडिया रेडियो, दूरदर्शन पर चुनाव प्रचार के लिए पर्याप्त प्रसारण अवधि मिल जाता है और चुनाव चिन्ह के रुप में हाथी भी सुरक्षित रहेगा। राष्ट्रीय दर्जा नहीं रहने पर चुनाव चिन्ह हाथी भी छिन सकता है ... Bihar Election 2015 Latest News in Hindi
Source: Read Online Hindi News
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