Monday 16 November 2015

बाबा रामदेव ने किया पतंजलि आटा नूडल्स लांच, दिसंबर में बेबी प्रोडक्ट लांच की तैयारी

योगगुरु बाबा रामदेव के पतंजलि प्रोडक्ट्स की रेंज में एक और प्रोडक्ट जुड़ गया है। आटा नूडल्स का यह नया प्रोडक्ट अब बाज़ार में उपलब्ध हो गया है। काफी समय से इंतज़ार हो रहे पतंजलि के आटा नूडल्स को सोमवार को बाबा रामदेव ने आधिकारिक लांच कर दिया। 

रामदेव ने कहा कि पतंजलि नूडलस की कीमत 15 रूपए रखी गई है। उन्होंने इस नूडल में किसी तरह की लीड होने की बात से भी इंकार किया।  पतंजलि ने अपने नूडल्स की टैग लाईन ''झट पट पकाओ, और बेफिक्र खाओ'' रखा है। बाबा रामदेव ने आटा नूडल्स के साथ हेल्थ ड्रिंक भी लॉन्च की है। 

लॉन्च के मौके पर बाबा रामदेव ने कहा कि यह स्वदेशी आंदोलन का अहम हिस्सा है। उन्होंने कहा कि पतंजलि के प्रोडक्ट आध्यात्मिकता और आधुनिकता का संगम हैं। नूडल्स और हेल्थ ड्रिंक्स लांच करने के बाद अब पतंजलि जल्द ही हेल्थ बाज़ार में बेबी केयर प्रोडक्ट्स भी दिसंबर में लांच कर सकता है। 


नूडल्स श्रेणी में लम्बे समय तक सरताज रहे मैगी की भी देश के कुछ हिस्सों से बैन हटने से वापसी हो यही है। ऐसे में इस श्रेणी में प्रतिस्पर्धा एक बार फिर चरम पर रहने की संभावना जताई जा रही है।   

गौरतलब है कि बाबा रामदेव के स्वामित्व वाली अतांजलि ग्रुप के बाज़ार में आयुर्वेदिक उत्पादों की विशाल रेंज पहले से ही उपलब्ध है।  इन सभी प्रोडक्ट्स की मांग भी अच्छी खासी है।  इस बात का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि पतंजलि ग्रुप का साल 2014 में टर्नओवर 1200 करोड़ रूपए था।  साल 2015 में 2000 काोद् रूपए के टर्नओवर का संभावित लक्ष्य रखा गया है।


'मैगी से टक्कर नहीं' 
बाबा रामदेव ने पतंजलि नूडल्स के मैगी से मुकाबले की खबरों का खंडन किया।  उन्होंने कहा कि मैगी से उनका कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि दिसंबर के आखिर तक करीब 10 लाख दुकानों और शोरूम में पतंजलि प्रोडक्ट पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है ... बाबा रामदेव ने किया पतंजलि आटा नूडल्स लांच

Source: Business News

Tuesday 3 November 2015

निर्भया कांड में न्याय मिला या नहीं कह नहीं सकते, लेकिन कानून की पालना ज़रूर हुई है: मेनका

 केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा है कि निर्भया गैंग रेप मामले पर पीड़ित पक्ष को न्याय मिला है या नहीं कहा नहीं जा सकता, लेकिन कानून की पालना ज़रूर हुई है। गांधी ने यह प्रतिक्रिया इस मामले में लिप्त एक बाल अपचारी के बाल सुधार गृह से रिहा होने से पहले दी है।  

मेनका गांधी ने इस बात पर भी ज़ोर दिया है कि प्रशासन को इस बाल अपचारी के  बाद भी उसकी हर गतिविधियों पर नज़र बनाये रखने की ज़रुरत है। 

उन्होंने कहा कि इस मामले में कानून की पालन तो हुई है, लेकिन वह इस बात को लेकर असमंजस में है कि जघन्यतम अपराध में आने वाला निर्भया गैंगरेप कांड में सुनाया गया फैसला क्या न्याय के हिसाब से सही था। 


उन्होंने कहा कि न्याय को कानून के साथ मिलाकर उलझना नहीं चाहिए क्यों कि कई बार दोनों में अंतर होता है। अपनी बात रखते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बाल अपचारी दोषी है लेकिन सजा के तौर पर उसे केवल बाल सुधार गृह ही भेजा जा सकता है। मेनका ने कहा कि हम इसी विसंगति को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।

अब वो अपनी सजा पूरी करके बाहर आ रहा है और उसके खिलाफ तब तक कुछ नहीं किया जा सकता जब तक वो कोई दूसरा अपराध नहीं करता।

गौरतलब है कि 16 दिसंबर 2012 को एक 23 वर्षीय फिजियोथेरेपी इंटर्न छात्रा के साथ गैंग रेप की जघन्य वारदात को अंजाम दिया गया था। आरोपियों ने अपने मंसूबों को इतनी घिनौने तरीके से अंजाम दिया था कि पीड़ित छात्रा की बाद में मौत हो गई थी।  



इस दिल दहला देने वाली घटना की जांच करते हुए पुलिस ने एक किशोर को भी निरुद्ध किया था।  जिसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया था।  अब जब इस बाल अपचारी के बाल सुधार गृह में तीन साल की अवधि की मियाद ख़त्म हो रही है उसे रिहा कर उसके परिजनों के सुपुर्द किया जाना है।

खबर ये भी है कि बाल अपचारी को रिहा करने का तय दिन 15 दिसंबर है लेकिन दिल्ली सरकार चाहती है कि उसे एक सप्ताह पहले ही रिहा कर दिया जाए।  सरकार को इस बात का अंदेशा है कि बाल अपचारी के रिहा होने पर कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है ... निर्भया कांड में न्याय मिला या नहीं कह नहीं सकते

Source: Hindi News