Saturday 19 September 2015

नेताजी के पोते ने कहा- ‘मेरे पिता दाऊद नहीं थे, फिर क्यों हुई जासूसी

पश्चिम बंगाल सरकार ने शुक्रवार को महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी 64 फाइलें सार्वजनिक कर दी। इन फाइलों से प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक नेेताजी की जासूसी की बात सामने आई है। इसके बाद नेताजी के रिश्तेदारों और परिवार ने कथित जासूसी की जांच कराने की मांग की है।

नेताजी सुभाष चंद्र बोसे के पोते चंद्र बोस ने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा कि पब्लिक किए गए डॉक्यूमेंट्स से साबित होता है कि ताइवान में 18 अगस्त, 1945 को एक विमान दुर्घटना में नेताजी की कथित मौत के बाद सरकार ने बोस परिवार की जासूसी कराई थी।
मेरे पिता दाऊद इब्राहिम नहीं थे!
चंद्र बोस ने बातचीत में कहा, सरकार ने मेरे पिता अमिय नाथ बोस की जासूसी क्यों कराई? वह दाऊद इब्राहिम नहीं थे! फिर भी उन्होंने उन (अमिया नाथ बोस) पर नजर रखने के लिए खुफिया विभाग के 14 लोग तैनात कर रखे थे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को आखिर एक स्वतंत्रता सेनानी के परिवार की जासूसी कराने की क्या जरुरत पड़ी? बता दें कि अमीय नाथ बोस नेताजी के भतीजे थे।
नेताजी के परिवार की होती थी जासूसी
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने के बाद कहा था कि उन्होंने पूरी फाइल नहीं देखी है, लेकिन इसमें इस का बात के कोई सबूत नहीं है कि अगस्त 1945 में किसी विमान हादसे में सुभाष चंद्र बोस की मौत हुई है। ममता बनर्जी ने कहा कि उन फाइलों को पढ़ने के बाद पता चला है कि नेताजी के परिवार की जासूसी भी होती थी।
विमान दुर्घटना में मौत होने के नहीं मिले सबूत
इन फाइलों में वह पत्र भी है जो उस समय नेताजी के भतीजे अमिय बोस को केन्द्र की ओर से भेजा गया था जिसमें यह साफ लिखा है कि भारत सरकार को ताइवान में ऐसी किसी विमान दुर्घटना के बारे में कोई सूचना नहीं है जिससे नेताजी के मारे जाने की पुष्टि हो सके।
नेताजी की गोपनीय फाइलों पर राजनीति न करें
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से नेताजी सुभाषचंद्र बोस से जुड़ी 64 फाइलें सार्वजनिक किए जाने के बाद भाजपा ने कहा कि रहस्यमय हालात में नेताजी के लापता होने के मुद्दे पर केंद्र भी गंभीर है और इस पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राजनीति नहीं करनी चाहिए। पश्चिम बंगाल सरकार ने जिन फाइलों को गोपनीय सूची से बाहर किया है, उनका संभवत: कोई अंतरराष्ट्रीय प्रभाव नहीं है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एमजे अकबर ने कहा कि इस मामले में कोई दूसरा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जितना अग्र-सक्रिय नहीं रहा।
पीएम मोदी से की जांच की मांग
नेताजी के पोते चंद्र बोस ने कथित जासूसी को लेकर प्रधानमंत्री से जांच की मांग की है। उन्होंने कहा मैं पीएम मोदी से मांग करता हूं वह इस बात की जांच कराए।

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