Monday 11 May 2015

कहता है गरुड़ पुराण, ये 3 अधूरे काम लाते हैं जान पर आफत

शुरू करे, उसे संपूर्ण करने का प्रयास अवश्य करे। आधा-अधूरा कार्य अच्छा नतीजा नहीं देता। इससे मेहनत और समय का अपव्यय होता है। साथ ही ऐसा मनुष्य अपयश का भागी भी होता है।

कई बार ऐसी परिस्थितियों का निर्माण भी होता है जब इंसान किसी समस्या के हल के लिए परिश्रम करे और उसे बीच में ही छोड़ दे। इससे दीर्घकाल में वह समस्या अधिक भयानक हो सकती है। अतः वही मनुष्य समझदार और विवेकशील कहा गया है जो कार्य शुरू कर उसे अंजाम तक पहुंचाए।

जानिए गरुड़ पुराण के अनुसार उन 3 कार्यों के बारे में जिन्हें अधूरा छोड़ने पर ये भविष्य में इंसान के लिए आफत बन सकते हैं।

1- शास्त्रों में उस मनुष्य को प्रशंसनीय माना गया है जो किसी जरूरतमंद को कर्ज देता है। दार्शनिकों के अनुसार, ऐसा इंसान दूसरे को गुनाह से बचाता है, लेकिन जो व्यक्ति कर्ज लेता है उसका भी यह फर्ज बताया गया है कि वह समय पर ली गई राशि को चुकाए |
 अधूरा कर्ज ब्याज की वजह से फिर बढ़ने लगता है। अगर उसे पूरा नहीं चुकाया गया तो वह भविष्य में बड़ी परेशानी बन सकता है। हालांकि विभिन्न ग्रंथों और ऋषियों ने ब्याज लेने को निंदनीय भी कहा है।

2- रोग शरीर का शत्रु होता है। अगर वह शरीर में जड़ जमा ले तो उसे जीर्ण रोग कहा जाता है। इसलिए ऋषियों ने पहला सुख निरोगी काया को माना है। साथ ही यह निर्देश दिया है कि रोग का समय पर उपचार कराना चाहिए और उपचार पूरा होना चाहिए ... कहता है गरुड़ पुराण

Source : Spiritual News from Hindi News Desk

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