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Wednesday, 21 October 2015

नौकर ने मालिक की हत्या कर घर के बाहर दफनाया शव, 7 महीने बाद खुला राज

जयपुर के भांकरोटा थाना इलाके में एक युवक का शव उसी के घर के बाहर से मिलने से सनसनी फैल गई । पुलिस के अनुसार शव राकेश जैन नाम के युवक का है जिसकी हत्या उसके नौकर ने करीब सात महीने पहले कर घर के बाहर दफना दिया था । पुलिस ने आरोपी नौकर को गिरफ्तार कर लिया है ।
पुलिस के अनुसार मृतक राकेश जैन मुलत: सवाई माधोपुर जिले का रहने वाला है जो कि जयपुर में काफी दिनों से रह रहा था । घर में काम करने राकेश नें एक नौकर को रखा हुआ था । पुलिस ने प्रारंभिक जांच में बताया कि राकेश पेशे से व्यापारी था ।

राकेश के परिजनों के सात महीने पहले उसकी गूमशुदगी की रिपोर्ट भी करवाई हुई थी । राकेश का कहीं पता नही चलने पर घर में तलाश किया गया जहां उसके घर के बाहर ही उसका शव मिला । पुलिस के अनुसार राकेश की हत्या गला रेंत कर की गई है । और उसे करीब आठ फीट का गड्डा खोदकर दफनाय़ा गया था ।
मामले में राकेश के परिजन जब नौकर से बात करते तो वह उन्हे राकेश से बात नही करवाता और  राकेश के मौन घारण करने की बात कहता रहता । इस बीच कभी मृतक राकेश के परिजनों ने उसकी जयपुर आकर तलाश भी नही की । बहरहाल पुलिस ने शव को अस्पताल पबहुंचा है और आरोपी नौकर को गिरफ्तार कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

Friday, 23 January 2015

अब्बा की विरासत से करवाया रू-ब-रू

विरासत गुरूवार को एक बार फिर पूरी शिद्दत के साथ साकार हुई। विख्यात शायर कैफी आजमी की असरदार पंक्तियों को उनकी एक्ट्रेस बेटी शबाना आजमी ने फेमस हैरिटेज मॉन्यूमेंट हवामहल में साझा किया।

यह अनूठा संगम पर्यटन विभाग, राजस्थान और जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की ओर से सजाई गई सांस्कृतिक संध्या में देखने को मिला। शबाना ने कैफी की शायरी का गुलदस्ता पेश कर उनकी कलमकारी की गहराई से रूबरू करवाया।
शबाना ने शुरूआत कैफी की नज्म "दायरा" सुनाकर की। उन्होंने "जिस्म से रूह तक, रेत ही रेत है..., फिर भी मयखाना खाली है" और "गौसे गौसे खड़ी मस्जिद बड़ी बड़ी " सुनाकर तारीफ बटोरी।

रोज बढ़ता हूं जहां से आगे
फिर वहीं लौट के आ जाता हूं

बारहा तोड़ चुका हूं जिनको
इन्हीं दीवारों से टकराता हूं

रोज बसते हैं कई शहर नए
रोज धरती में समा जाते हैं

जलजलों में थी जरा सी गर्मी
वो भी अब रोज ही आ जाते हैं।

शबाना की गुजारिश पर सुनाए "ये आंसू..."
शबाना के बाद गीतकार जावेद अख्तर ने भी अपनी कलम से निकले शब्दों का जादू बिखेरा। उन्होंने दो नज्में पेश कीं, जिसमें पहली "मैं भूल जाऊं तुम्हें..." और शबाना की गुजारिश पर दूसरी नज्म "ये आसूं क्या सवाल है..." पेश की।
मैं भूल जाऊं तुम्हें, अब यही मुनासिब है।
मगर भुलाना भी चाहूं तो किस तरह भूलूं।

कि तुम तो फिर भी हकीकत हो कोई ख्वाब नहीं।
यहां तो दिल का ये आलम है क्या कहूं।

कमबख्त भुला सका ना ये वो सिलसिला जो था ही नहीं
वो इक खयाल जो आवाज तक गया ही नहीं

वो एक बात जो मैं कह नहीं सका तुमसे
वो एक रब्त जो हममें कभी रहा ही नहीं

स्पेनिश कलाकारों ने सुनाए कथक के बोल
सांस्कृतिक संध्या में शबाना और जावेद के अलावा स्पेनिश कलाकारों ने भी दर्शकों को अपनी परफॉर्मेस से मुरीद बना दिया।


कलाकारों ने सबसे पहले वैस्टर्न क्लासिकल से जयपुरवासियों को रूबरू करवाया। इसके बाद दक्षिण भारतीय संगीत शैली में कथक के बोल सुनाए।

Source: JLF 2015

Thursday, 15 January 2015

आसमान सतरंगी कर खूब इठलाई पतंगें

मकर संक्रांति पर शहर में सूरज उगने से पहले शुरू हुई आसमान छूने की होड़ सूरज डूबने के बाद तक बनी रही। लोगों में पतंगबाजी का उत्साह ऎसा था कि दिन छोटा पड़ गया।

एक योद्धा के जैसे तैयारी कर सोए पतंगबाज सुबह अंधेरे में ही उठ गए और छतों पर तेज आवाज में गाना बजाने लगे। आवाज सुनकर पूरी गली जाग गई।

फिर अंधेरा छंटने लगा, लेकिन कोहरा पसरता जा रहा था... फुहारों के रूप में नीचे गिरती ओस और शीतलहर भी जोश को कम नहीं कर पा रही थी। फिर धीरे-धीरे आसमान सतरंगी होने लगा।



सुबह करीब 10 बजे धुंध को चीरता हुआ सूरज निकला तो लोग खाने-पीने का सामान लेकर छतों पर आ डटे और गूंजने लगा वो काटा... वो मारा... का शोर।

बदलती रही हवा की दिशा
सुबह हवा पश्चिम की ओर चल रही थी। दोपहर में रूख उत्तर की ओर हो गया। फिर पूर्व की तरफ हवा चलने लगी। दिनभर हवा पतंगबाजी के अनुकूल रही। हालांकि, बीच-बीच में कुछ देर के हवा नहीं चलने से थोड़ी परेशानी आई।

सड़कें खाली, छतों पर शहर
शहरभर में पूरे दिन सड़कें सूनी नजर आई, लग रहा था मानो कर्फ्यू लग गया हो। आबाद थीं तो बस छतें, लोग परिवार सहित देर शाम तक छतों पर ही डटे थे। हां, सड़कों पर झाड़ लिए पतंग लूटने वाले जरूर नजर आ रहे थे। इनमें भी बच्चों की संख्या ज्यादा थी।


...फिर शाम होते ही आतिशबाजी

सूरज ढलने के बाद पतंगें उतरने लगीं तो आसमान आतिशबाजी से झिलमिला उठा। चारों ओर रोशनी नजर आ रही थी। कई लोगों ने रोशनी वाली पतंगें भी तान रखी थीं।

Thursday, 8 January 2015

विरोध पढ़े-लिखों का नहीं, सरकार की मंशा का : सचिन

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों की शैक्षणिक योग्यता को लेकर कांग्रेस का विरोध नहीं है, लेकिन ऎतराज इसके लिए लाए गए अध्यादेश के पीछे सरकार की मंशा का है। न सिर्फ कांग्रेस बल्कि एक दर्जन राजनीतिक दल एक मंच पर आकर इसी वजह से अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं।


पायलट ने बुधवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पढ़े-लिखे लोग पंचायतों में जीत कर आएं, इसका कोई विरोध नहीं है। लेकिन चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से एक दिन पहले अध्यादेश लाने और 50 फीसदी से ज्यादा लोगों को चुनाव लड़ने से वंचित किए जाने का विरोध हो रहा है।



चुनाव के वक्त बागी नेताओं को पार्टी में शामिल किए जाने के उन्होंने कहा कि पार्टी ने सकारात्मक फैसला किया है। इसे जाति विशेष के नजरिए से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।

Source: Jaipur News from Rajasthan News Paper

Wednesday, 31 December 2014

फतेहपुर बना "कश्मीर", जयपुर में टूटा 7 साल का पुराना रिकॉर्ड

रष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और पंजाब में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड रही है। मंगलवार सुबह भी कई क्षेत्रों में घना कोहरा छाये रहने से जनजीवन प्रभावित हुआ।

देश के मैदानी इलाकों में पश्चिमी राजस्थान में चूरू का सबसे कम न्यूनतम तापमान 0.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं फतेहपुर शेखावटी में पारा माइनस 4.6 और माउंट आबू में माइनस 1.4 डिग्री से. पर पहुंच गया।



मौसम विभाग ने बताया कि मंगलवार का न्यूनतम तापमान नई दिल्ली में सामान्य से तीन डिग्री नीचे 4.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। घने कोहरे के कारण दृश्यता 50 मीटर से भी कम होने से विमानों तथा रेलगाडियों का परिचालन बाधित रहा। इस दौरान सड़कों पर भी जाम जैसी स्थिति बनी हुई थी।



मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में आसमान साफ रहने तथा सुबह के वक्त घना कोहरा छाने की उम्मीद जताई है। मौसम विभाग ने बताया कि ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश के कई जगहों पर, गांगेय पश्चिम बंगाल के इलाकों, तमिलनाडु, अंडमान और निकोबार द्वीप में बारिश या गरज के साथ छीटें पड़ने का अनुमान है।

असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, रायलसीमा, तटीय और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक, केरल, लक्षद्वीप के छिटपुट स्थानों पर बारिश हो सकती है। अरूणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल का हिमालयी क्षेत्र, सिकि्कम, बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, गोवा, मध्य महाराष्ट्र, मराठावाडा, तेलंगाना और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में आमतौर पर मौसम शुष्क बने रहने का अनुमान है।



जयपुर में सर्दी ने सात साल का रिकार्ड तोड़ा

राजस्थान की राजधानी जयपुर में सोमवार रात का तापमान 5.3 डिग्री सेल्सियस रहने के साथ गुलाबी नगर में 29 दिसम्बर को कड़ाके की सर्दी का सात साल का रिकार्ड टूट गया वहीं मरूभूमि में स्थित चूरू तथा फतेहपुर में पारा जमाव बिन्दु पर बना हुआ है।

प्रदेश में कई स्थानों पर बीती रात ओंस की बूंदें जम गई और तड़के प्रदेश के उत्तरी इलाकों पिलानी, सरहदी गंगानगर तथा चूरू में घना कोहरा छाये रहने से वाहनों की रफ्तार थम गई।



मौसम विभाग के अनुसार बीती रात पर्वतीय पर्यटन स्थल माउंटआबू में पारा शून्य से 1.4 डिग्री कम दर्ज किया गया। आबू पर्वत पर तापमान शून्य से कम हो जाने के कारण घरों के बाहर खडे वाहनों पर बर्फ की परत जम गई वहीं पेड़ पौधों के पत्तों पर भी सुबह ओंस की बूंदें जमी दिखाई दीं।

प्रदेश में गत दो सप्ताह से कड़ाके की सर्दी का दौर बना हुआ है। हाड कंपा देने वाली सर्दी के चलते लोगों का रजाई छोड़ने का मन नहीं कर रहा है वहीं ग्रामीण इलाकों में लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं।



मौसम विभाग के अनुसार बीती रात पिलानी में 0.5 डिग्री, चूरू में 0.1 डिग्री, सीकर तथा उदयपुर के डबोक हवाई अड्डे पर 3 डिग्री सरहदी गंगानगर में पारा 3.2 डिग्री, मरूनगरी बीकानेर में 4.9 डिग्री, जैसलमेर में 5.7 डिग्री, कोटा में 7.2 डिग्री, जोधपुर तथा अजमेर में 7.5 डिग्री तथा बाडमेर में 8.4 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में लगातार पारा गिरने के कारण कुछ स्थानों पर पाला पड़ने की आशंका है।

Tuesday, 30 December 2014

राजस्थान विश्वविद्यालय की सेमेस्टर परीक्षाएं स्थगित

राजस्थान विश्वविद्यालय की मंगलवार से शुरू हो रही सेमेस्टर परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है। विश्वविद्यालय की ये परीक्षाएं अब 28 जनवरी से प्रस्तावित हैं। सोमवार शाम को हुई डींस कमेटी की बैठक में ये निर्णय किया गया।

विवि प्रशासन ने परीक्षा स्थगित होने के पीछे विभागों की लापरवाही को कारण बताया है। 38 में से 27 विभागों की ओर से विश्वविद्यालय के परीक्षा अनुभाग को छात्रों की उपस्थिति की जानकारी तक नहीं दी थी।





कुछ विभागों ने इंटर्नल परीक्षाओं के अंक भी नहीं बताए थे। इधर, परीक्षाओं को आगे करने और उपस्थिति की समस्या के चलते छात्रों ने भी बैठक के दौरान कुलपति सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया और परीक्षा आगे करने की मांग की। विवि के स्नातकोत्तर विभागों और कुछ स्ववित्त पोçष्ात पाठ्यक्रमों में सेमेस्टर व्यवस्था है।

कुलपति के प्रशासनसिक सचिव भूपेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि राज्यपाल के सख्त निर्देश हैं कि 75 प्रतिशत उपस्थिति के नियमों का पालन किया जाए। जबकि परीक्षा से पहले तक कई बार जानकारी मांगे जाने के बाद भी विभागों की ओर से ये जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई थी। इस कारण ही परीक्षाएं स्थगित की गई हैं।


मंगलवार और बुधवार को होने वाली परीक्षाएं 28 और 29 जनवरी को होंगी। जानकारी है कि विवि में 500 से अधिक छात्र उपस्थिति मापदंडों पर खरे नहीं उतर रहे थे।


अब नई व्यवस्था में ऎसे छात्र अगले कुछ दिनों में कक्षाओं में शामिल होकर हाजरी में आ रही कमी को पूरा कर देंगे। विवि में कुलपति सचिवालय के बाहर एकत्र हुए छात्रों ने आर. . पोदार प्रबंध संस्थान प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।

Thursday, 22 May 2014

Hindi Eluding With 'Breaking News'

Drowning level of Hindi language is a serious concern for all. Many Hindi news channels, web portals and News papers are not living up-to the responsibility. On the other hand, to match up neck on neck competition in media industry, they are compromising with qualitative Hindi.

Right from breaking news on electronic media, one can make out the prime language has been sidelined. Flashing of news scores over the grammar and use of right words.

Just for the sake of sheer business giving up the standards shouldn't be the key. What media shows has a great impact on the minds of people. So they should be careful enough while displaying any content and must take up writing skills in Hindi seriously.

Also, media (print, electronic and web) must abstain from making a normal content a sensational news.

Many Hindi news channels and Hindi newspapers in growing competition to grab eyeballs shows or display semi-porn content, which causes embarrassment to people and families watching or reading news together.

The 21stcentury is going to be ruled by web or online media, as it is believed and as per the present norms, so to en cash it in spreading it to different parts of the world stalwarts of Hindi knowing journalist would require to take up responsibility.

Hindi Diwas must not be a day or a two affair rather it should be celebrated daily. Media must take a social responsibility being a powerful medium to bring change.

Media must take a social responsibility for it's a powerful medium. The impact it creates cannot be made by any other medium. So, they are require to act little more carefully and cautiously.

The most powerful source that a Hindi media have Hindi as a writing language as Hindi is most popular language that is preferred by most of the Indians. Almost all hindi websites have separate sections for Rajasthan News, Jaipur News, Sikar News etc. to convey local area news to local people.